एनवायरमेंटल इंफ़ोर्मेशन सिस्टम (एन्विस) नेटवर्क की स्थापना दिसंबर, 1982 में पर्यावरण व वन मंत्रालय, भारत सरकार के योजनागत कार्यक्रम के रूप में की गई थी। अपनी शुरुआत से ही, टेरी एन्विस का ध्यान मुख्य रूप से पूरे देश-भर में निर्णयकर्ताओं, नीति नियोजकों, वैज्ञानिकों व इंजीनियरों, शोधकर्ताओं आदि को पर्यावरणीय सूचना उपलब्ध कराने पर केंद्रित रहा है।
क्योंकि पर्यावरण एक व्यापक दायरे वाला,बहुविषयक क्षेत्र है इसलिए पर्यावरण पर एक समग्र सूचना प्रणाली में देश की संबंधित संस्थाओं / संगठनों की प्रभावी भागीदारी अनिवार्य रूप से शामिल होगी जो पर्यावरण के अलग अलग विषय-क्षेत्रों से सक्रिय रूप से संबंधित काम कर रहे हैं। इसीलिए एन्विस ने कार्यक्रम को उपयोगी बनाने के लिए ऐसे भागीदार संस्थाओं / संगठनों के एक नेटवर्क के साथ स्वयं को विकसित किया। बड़ी संख्या में शाखाएं जिन्हें, एन्विस सेंटर कहा जाता है नेटवर्क में स्थापित की गई हैं ताकि पर्यावरण व वन मंत्रालय में एक फोकल प्वाइंट (मुख्य केंद्रबिंदु शाखा) के साथ पर्यावरण के व्यापक विषय-क्षेत्रों को समेटा जा सके।
फोकल प्वांइट के साथ-साथ एन्विस सेंटरों दोनों को दीर्घकालिक व अल्पकालिक लक्ष्य हासिल करने की विभिन्न जिम्मेदारियां सौंपी गई। इस उद्देश्य के लिए, फोकल प्वांइट द्वारा कई सेवाएं आरंभ की गई हैं।
अपने समग्र नेटवर्क के कारण एन्विस को इंफोटेरा जोकि संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) का एक वैश्विक पर्यावरण सूचना नेटवर्क है, के लिए नेशनल फोकल प्वाइंट (एनएफपी) के तौर पर निर्मित किया गया। एनएफपी की सूचना संबंधी गतिविधियों को मजबूती प्रदान करने के लिए, एन्विस को 1985 में दक्षिण एशिया उपक्षेत्रीय देशों में यूएनईपी के इंफोटेरा के रीज़नल सर्विस सेंटर (आरएससी) के तौर पर निर्मित किया गया था।
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